(सारे देश भक्ति गीत हिंदी में) saare desh bhakti geet in hindi written

आज आप यहां जो गाना पढ़ने वाले हैं वो है (सारे देश भक्ति गीत हिंदी में) desh bhakti geet in hindi written और english दोनो भाषा में देने जा रहे हैं! देशभक्त लोगो के  लिए हमारी स्पेशल पेशकश है अगर आपको ये पेशकश पसंद आए तो प्लीज कमेंट जरा करके बताएं।

सभी देश भक्ति गीतों की एक लिस्ट पहले दे रहे हैं हम तक आपको पता चल सके के किस गाने के बाद किसका नंबर है आगे की लिरिक्स में!

 

desh bhakti geet in hindi written
desh bhakti geet in hindi written

 

desh bhakti geet in hindi written

 

1.मेरा रंग दे बसंती चोला
2.हर करम अपना करेंगे, ऐ वतन तेरे लिए
3.ऐ मेरे वतन के लोगों, ज़रा आँख में भर लो पानी
4.संदेशे आते हैं हमें तड़पाते हैं
5.है प्रीत जहाँ की रीत सदा
6.कर चले हम फ़िदा, जान-ओ-तनसाथियों
7.ये देश है वीर जवानों का
8.जहाँ डाल-डाल पर
9.मेरे देश की धरती सोना उगले,उगले हीरे मोती
10.कन्धों से मिलते हैं कन्धे, कदमों से कदम मिलते हैं
11.तेरी मिट्टी में मिल जावां
12.वन्दे मातरम्
13.ताकत वतन की हमसे है
हिम्मत वतन की हमसे है
14.चक दे हो चक दे इंडिया
15.अपनी आज़ादी को हम हरगिज़ मिटा सकते नहीं
16.मेरा मुल्क मेरा देश
17.आई लव माई इंडिया
18.जिस देश में गंगा बहती है
19.साबरमती के सन्त तूने कर दिया कमाल
20.ऐ मेरे प्यारे वतन, ऐ मेरे बिछड़े चमन

 

 

 

1.मेरा रंग दे बसंती चोला, मेरा रंग दे ( from sunny deol movie)

मेरा रंग दे बसंती चोला, मेरा रंग दे
मेरा रंग दे बसंती चोला ओये
रंग दे बसंती चोला
माये रंग दे बसंती चोला

मेरा रंग दे बसंती चोला, मेरा रंग दे
मेरा रंग दे बसंती चोला ओये
रंग दे बसंती चोला
माये रंग दे बसंती चोला

दम निकले इस देश की खातिर, बस इतना अरमान है
दम निकले इस देश की खातिर, बस इतना अरमान है
एक बार इस राह में मरना, सौ जन्मों के समान है
देख के वीरों की क़ुरबानी
देख के वीरों की क़ुरबानी, अपना दिल भी बोला
मेरा रंग दे बसंती चोला

मेरा रंग दे बसंती चोला, मेरा रंग दे
मेरा रंग दे बसंती चोला ओये
रंग दे बसंती चोला
माये रंग दे बसंती चोला

जिस चोले को पहन शिवाजी, खेले अपनी जान पे
जिस चोले को पहन शिवाजी, खेले अपनी जान पे
जिसे पहन झाँसी की रानी, मिट गई अपनी आन पे
आज उसी को पहन के निकला, पहन के निकला
आज उसी को पहन के निकला, हम मस्तों का टोला
मेरा रंग दे बसंती चोला

मेरा रंग दे बसंती चोला, मेरा रंग दे
मेरा रंग दे बसंती चोला ओये
रंग दे बसंती चोला
माये रंग दे बसंती चोला

 

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मेरा रंग दे बसंती चोला हिंदी फिल्म 23 मार्च 1931: शहीद का एक लोकप्रिय देशभक्ति गीत है, जो 2002 में रिलीज़ हुई थी। यह फिल्म भारत में ब्रिटिश शासन के खिलाफ लड़ने वाले स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह के जीवन और शहादत पर आधारित है। . इस गाने को उदित नारायण और भूपिंदर सिंह ने गाया है और संगीत आनंद राज आनंद ने दिया है। गाने के बोल देव कोहली ने लिखे हैं।

यह गीत मेरा रंग दे बसंती चोला के मूल संस्करण से प्रेरित है, जिसे 23 मार्च 1931 को फांसी दिए जाने से पहले भगत सिंह और उनके साथियों ने गाया था। यह गीत अपनी मातृभूमि के प्रति उनके प्रेम और उसके लिए अपने जीवन का बलिदान देने की उनकी इच्छा को व्यक्त करता है। आजादी। यह गीत भारतीय ध्वज के रंगों, केसरिया और हरे रंग का भी आह्वान करता है, जो साहस और विश्वास का प्रतीक है।

इस गीत को दर्शकों और समीक्षकों ने खूब सराहा और यह देशभक्ति और राष्ट्रवाद का प्रतीक बन गया। इस गाने ने कई पुरस्कार भी जीते, जिनमें उदित नारायण के लिए सर्वश्रेष्ठ पार्श्वगायक का फिल्मफेयर पुरस्कार और देव कोहली के लिए सर्वश्रेष्ठ गीतकार का ज़ी सिने पुरस्कार शामिल हैं। यह गाना Rediff.com द्वारा बॉलीवुड के शीर्ष 10 देशभक्ति गीतों की सूची में भी शामिल है।

मेरा रंग दे बसंती चोला एक ऐसा गीत है जो स्वतंत्रता और क्रांति की भावना का जश्न मनाता है, और उन बहादुर नायकों को श्रद्धांजलि देता है जिन्होंने अपने देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। यह गाना आज भी भारत के लोगों के बीच लोकप्रिय है, खासकर स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस जैसे अवसरों पर।

 

 

2. हर करम अपना करेंगे, ऐ वतन तेरे लिए

मेरा कर्मा तू, मेरा धर्मा तू
तेरा सब कुछ मैं, मेरा सब कुछ तू
हर करम अपना करेंगे

हर करम अपना करेंगे, ऐ वतन तेरे लिए
दिल दिया है, जां भी देंगे, ऐ वतन तेरे लिए
दिल दिया है, जां भी देंगे, ऐ वतन तेरे लिए
हर करम अपना करेंगे, ऐ वतन तेरे लिए

दिल दिया है, जां भी देंगे, ऐ वतन तेरे लिए
हर करम अपना करेंगे, ऐ वतन तेरे लिए
दिल दिया है, जां भी देंगे, ऐ वतन तेरे लिए

तू मेरा कर्मा, तू मेरा धर्मा, तू मेरा अभिमान है

ऐ वतन मेहबूब मेरे तुझपे दिल कुर्बान है
ऐ वतन मेहबूब मेरे तुझपे दिल कुर्बान है

हम जिएंगे और मरेंगे, ऐ वतन तेरे लिए
दिल दिया है, जां भी देंगे, ऐ वतन तेरे लिए
दिल दिया है, जां भी देंगे, ऐ वतन तेरे लिए

हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई, हमवतन हमनाम है
हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई, हमवतन हमनाम है
जो करे इनको जुदा मजहब नहीं इल्ज़ाम है
हम जिएंगे और मरेंगे, ऐ वतन तेरे लिए

दिल दिया है, जां भी देंगे, ऐ वतन तेरे लिए
दिल दिया है, जां भी देंगे, ऐ वतन तेरे लिए

तेरी गलियों में चलाकर नफरतों की गोलियां
लूटते हैं कुछ लुटेरे दुल्हनों की डोलियाँ
लूटते हैं कुछ लुटेरे दुल्हनों की डोलियाँ
लूट रहे है आप वो अपने घरों को लूटकर
लूट रहे है आप वो अपने घरों को लूटकर
खेलते हैं बेख़बर अपने लहू से होलियां

हम जिएंगे और मरेंगे, ऐ वतन तेरे लिए
दिल दिया है, जां भी देंगे, ऐ वतन तेरे लिए
हर करम अपना करेंगे, ऐ वतन तेरे लिए

दिल दिया है, जां भी देंगे, ऐ वतन तेरे लिए
हर करम अपना करेंगे, ऐ वतन तेरे लिए
दिल दिया है, जां भी देंगे, ऐ वतन तेरे लिए

ऐ वतन तेरे लिए
ऐ वतन तेरे लिए

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गाना “हर करम अपना करेंगे, ऐ वतन तेरे लिए” 1986 की हिंदी फिल्म कर्मा का एक देशभक्ति गीत है। इस गाने को लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल ने संगीतबद्ध किया था और आनंद बख्शी ने लिखा था। गायक थे मोहम्मद अजीज और अनुराधा पौडवाल। यह गीत अपने देश के प्रति नायकों के प्रेम और समर्पण और इसके लिए अपने जीवन का बलिदान करने की उनकी इच्छा को व्यक्त करता है।

गाने के बारे में कुछ रोचक तथ्य इस प्रकार हैं:

– यह गाना स्वतंत्रता सेनानी राम प्रसाद बिस्मिल की प्रसिद्ध कविता “सरफरोशी की तमन्ना” से प्रेरित था, जिन्हें 1927 में अंग्रेजों ने फांसी दे दी थी।

– यह गाना नई दिल्ली के इंडिया गेट पर फिल्माया गया था, जो प्रथम विश्व युद्ध और तीसरे एंग्लो-अफगान युद्ध में शहीद हुए सैनिकों को समर्पित एक युद्ध स्मारक है।

– गाने में दिलीप कुमार, जैकी श्रॉफ, अनिल कपूर, पूनम ढिल्लन और श्रीदेवी फिल्म के मुख्य किरदार हैं। वे पूर्व कैदियों के एक समूह की भूमिका निभाते हैं जिन्हें एक आतंकवादी नेता की हत्या करने के लिए दिलीप कुमार द्वारा प्रशिक्षित किया जाता है।

– यह गाना बहुत लोकप्रिय हुआ और आज भी भारत में गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस जैसे विभिन्न अवसरों पर बजाया जाता है। इसे हिंदी सिनेमा के सर्वश्रेष्ठ देशभक्ति गीतों में से एक माना जाता है।

 

 

3.ऐ मेरे वतन के लोगों

ऐ मेरे वतन के लोगों, तुम खूब लगा लो नारा
ये शुभ दिन है हम सबका, लहरा लो तिरंगा प्यारा
पर मत भूलो सीमा पर, वीरों ने है प्राण गंवाए
कुछ याद उन्हें भी कर लो, कुछ याद उन्हें भी कर लो
जो लौट के घर न आये, जो लौट के घर न आये
ऐ मेरे वतन के लोगों, ज़रा आँख में भर लो पानी
जो शहीद हुए हैं उनकी, ज़रा याद करो कुर्बानी

ऐ मेरे वतन के लोगों, ज़रा आँख में भर लो पानी
जो शहीद हुए हैं उनकी, ज़रा याद करो कुर्बानी

जब घायल हुआ हिमालय, ख़तरे में पड़ी आज़ादी
जब तक थी साँस लडे वो
जब तक थी साँस लडे वो, फिर अपनी लाश बिछा दी
संगीन पे धर कर माथा, सो गये अमर बलिदानी
जो शहीद हुए हैं उनकी, ज़रा याद करो कुर्बानी

जब देश में थी दीवाली, वो खेल रहे थे होली
जब हम बैठे थे घरों में, वो झेल रहे थे गोली
थे धन्य जवान वो अपने, थी धन्य वो उनकी जवानी
जो शहीद हुए हैं उनकी, ज़रा याद करो कुर्बानी
कोई सिख कोई जाट मराठा, कोई सिख कोई जाट मराठा
कोई गुरखा कोई मद्रासी, कोई गुरखा कोई मद्रासी
सरहद पर मरने वाला, सरहद पर मरने वाला
हर वीर था भारतवासी

जो खून गिरा पर्वत पर, वो खून था हिन्दुस्तानी
जो शहीद हुए हैं उनकी, ज़रा याद करो कुर्बानी

थी खून से लथपथ काया, फिर भी बंदूक उठाके
दस दस को एक ने मारा, फिर गिर गये होश गँवा के
जब अंत समय आया तो,
जब अंत समय आया तो कह गये के अब मरते हैं
जब अंत समय आया तो कह गये के अब मरते हैं
खुश रहना देश के प्यारों, खुश रहना देश के प्यारों
अब हम तो सफ़र करते हैं, अब हम तो सफ़र करते हैं

क्या लोग थे वो दीवाने, क्या लोग थे वो अभिमानी
जो शहीद हुए हैं उनकी, ज़रा याद करो कुर्बानी

तुम भूल ना जाओ उनको इसलिए कही ये कहानी
जो शहीद हुए हैं उनकी, ज़रा याद करो कुर्बानी

जय हिंद, जय हिंद की सेना
जय हिंद, जय हिंद की सेना
जय हिंद जय हिंद जय हिंद

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ऐ मेरे वतन के लोगों (ऐ मेरे वतन के लोगों) एक हिंदी देशभक्ति गीत है जो कवि प्रदीप द्वारा लिखित और सी. रामचन्द्र द्वारा रचित है। यह गाना 1962 में चीन के साथ हुए युद्ध में शहीद हुए भारतीय सैनिकों को समर्पित था।

यह गीत तब प्रसिद्ध हुआ जब लता मंगेशकर ने इसे नई दिल्ली में गणतंत्र दिवस के अवसर पर तत्कालीन प्रधान मंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के सामने रामलीला मैदान में गाया। कहा जाता है कि इस गाने को सुनने के बाद नेहरू की आंखें भर आईं.

यह गीत चीन के साथ युद्ध के बाद राष्ट्रीय दुःख और हार के समय लिखा गया था। 26 जनवरी, 1963 को पंडित नेहरू ने दिल्ली के नेशनल स्टेडियम में शहीद सैनिकों के लिए एक विशेष श्रद्धांजलि समारोह का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में लता मंगेशकर को गाना गाने के लिए आमंत्रित किया गया था. इस अवसर पर प्रदीप से एक शानदार गीत लिखने का अनुरोध किया गया। प्रदीप को चिंता थी कि ऐसा गाना कैसे लिखा जाए जो अमर हो जाए।

एक शाम वह घूमने निकले और अचानक उनके दिल में ‘ऐ मेरे वतन के लोगों’ गाने के बोल आ गए। उसने एक पान की दुकान से सिगरेट का पैकेट खरीदा और उसे फाड़कर उस पर ये शब्द लिख दिए। समारोह में लता मंगेशकर ने सी.रामचंद्र के ऑर्केस्ट्रा के साथ यह गाना गाया.

गाने की हर लाइन श्रोताओं के दिल को छू गई. दिल भर आया, आंखें भर आईं. पंडित नेहरू रो पड़े, उनके संयम के बावजूद लता मंगेशकर का गला रुंध गया। गाना ख़त्म होने के बाद नेहरू ने इस गाने के लेखक के बारे में पूछा. उन्हें पता चला कि आयोजकों ने उन्हें आमंत्रित नहीं किया है.

सच तो यह था कि प्रदीप के कहने पर ही लता मंगेशकर इस गाने को गाने के लिए राजी हुई थीं, वरना कुछ सालों से वह सी. रामचन्द्र के निर्देशन में नहीं गा रही थीं।

दिल्ली में गाना गाने के कुछ हफ्ते बाद प्रदीप की मुलाकात नेहरू से मुंबई में हुई। जब नेहरू मुंबई पहुंचे तो उन्होंने प्रदीप की तलाश की। वह एक स्कूल में थे और उन्होंने वहां जाकर उनकी आवाज से ‘ऐ मेरे वतन के लोगों’ सुना। पंडितजी ने कहा- “भाई, तुम इतना अच्छा गाते हो, यहाँ कोई आर्केस्ट्रा नहीं है।”

प्रदीप ने कहा- ”यह गाना मेरे दिल के दर्द का प्रतीक है, जिसके लिए वाद्ययंत्रों की जरूरत नहीं है.” इसी मुलाकात में नेहरू को यह भी पता चला कि ‘चल-चल रे नौजवान’ और ‘दूर हटो ऐ दुनिया वालों’ गाने भी प्रदीप ने ही लिखे थे.

उन्हें यह भी पता चला कि छात्र जीवन के दौरान प्रदीप इलाहाबाद में उनके आवास ‘आनंद भवन’ के पीछे रहते थे। नेहरू ने कहा था कि- “अगर कोई ‘ऐ मेरे वतन के लोगों’ से प्रभावित नहीं है, तो वह सच्चा भारतीय नहीं है।”

 

 

4.संदेशे आते हैं

हो हो हो..

संदेशे आते हैं हमें तड़पाते हैं
तो चिट्ठी आती है वो पूछे जाती है

के घर कब आओगे के घर कब आओगे
लिखो कब आओगे
के तुम बिन ये घर सूना सूना है

संदेशे आते हैं हमें तड़पाते हैं
तो चिट्ठी आती है वो पूछे जाती है
के घर कब आओगे के घर कब आओगे
लिखो कब आओगे
के तुम बिन ये घर सूना सूना है

किसी दिलवाली ने किसी मतवाली ने
हमें खत लिखा है ये हमसे पूछा है
किसी की साँसों ने किसी की धड़कन ने
किसी की चूड़ी ने किसी के कंगन ने
किसी के कजरे ने किसी के गजरे ने
महकती सुबहों ने मचलती शामों ने
अकेली रातों ने अधूरी बातों ने
तरसती बाहों ने और पूछा है तरसी निगाहों ने
के घर कब आओगे, के घर कब आओगे
लिखो कब आओगे
के तुम बिन ये दिल सूना सूना है

संदेशे आते हैं हमें तड़पाते हैं
तो चिट्ठी आती है वो पूछे जाती है
के घर कब आओगे के घर कब आओगे
लिखो कब आओगे
के तुम बिन ये घर सूना सूना है

संदेशे आते हैं हमें तड़पाते हैं
तो चिट्ठी आती है वो पूछे जाती है
के घर कब आओगे के घर कब आओगे
लिखो कब आओगे
के तुम बिन ये घर सूना सूना है

मोहब्बत वालों ने, हमारे यारों ने
हमें ये लिखा है,
कि हमसे पूछा है
हमारे गाँवों ने, आम की छांवों ने
पुराने पीपल ने, बरसते बादल ने
खेत खलियानों ने, हरे मैदानों ने
बसंती बेलों ने, झूमती बेलों ने
लचकते झूलों ने, दहकते फूलों ने
चटकती कलियों ने,
और पूछा है गाँव की गलियों ने
के घर कब आओगे, के घर कब आओगे
लिखो कब आओगे
के तुम बिन गाँव सूना सूना है

संदेशे आते हैं हमें तड़पाते हैं
तो चिट्ठी आती है वो पूछे जाती है
के घर कब आओगे के घर कब आओगे
लिखो कब आओगे
के तुम बिन ये घर सूना सूना है

ओ ओ ओ…

कभी एक ममता की, प्यार की गंगा की
जो चिट्ठी आती है, साथ वो लाती है
मेरे दिन बचपन के, खेल वो आंगन के
वो साया आंचल का, वो टीका काजल का
वो लोरी रातों में, वो नरमी हाथों में
वो चाहत आँखों में, वो चिंता बातों में
बिगड़ना ऊपर से, मोहब्बत अंदर से,
करे वो देवी माँ
यही हर खत में पूछे मेरी माँ
के घर कब आओगे, के घर कब आओगे
लिखो कब आओगे
के तुम बिन आँगन सूना सूना है

संदेशे आते हैं हमें तड़पाते हैं
तो चिट्ठी आती है वो पूछे जाती है
के घर कब आओगे के घर कब आओगे
लिखो कब आओगे
के तुम बिन ये घर सूना सूना है

ऐ गुजरने वाली हवा बता
मेरा इतना काम करेगी क्या
मेरे गाँव जा, मेरे दोस्तों को सलाम दे
मेरे गाँव में है जो वो गली
जहाँ रहती है मेरी दिलरुबा
उसे मेरे प्यार का जाम दे
उसे मेरे प्यार का जाम दे
वहीं थोड़ी दूर है घर मेरा
मेरे घर में है मेरी बूढ़ी माँ
मेरी माँ के पैरों को छू के तू
उसे उसके बेटे का नाम दे

ऐ गुजरने वाली हवा ज़रा
मेरे दोस्तों, मेरी दिलरुबा
मेरी माँ को मेरा पयाम दे
उन्हें जा के तू ये पयाम दे

मैं वापस आऊंगा, मैं वापस आऊंगा

घर अपने गाँव में उसी की छांव में,
कि माँ के आँचल से गाँव के पीपल से,
किसी के काजल से
किया जो वादा था वो निभाऊंगा

मैं एक दिन आऊंगा मैं एक दिन आऊंगा
मैं एक दिन आऊंगा मैं एक दिन आऊंगा
मैं एक दिन आऊंगा मैं एक दिन आऊंगा
मैं एक दिन आऊंगा मैं एक दिन आऊंगा

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बॉर्डर 1997 की भारतीय युद्ध फिल्म है जो 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान लोंगेवाला की लड़ाई पर आधारित है। फिल्म का निर्देशन जे.पी.दत्ता ने किया था और इसमें सनी देओल, सुनील शेट्टी, अक्षय खन्ना, जैकी श्रॉफ और अन्य ने अभिनय किया था। यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर ब्लॉकबस्टर रही और इसने चार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों सहित कई पुरस्कार जीते।

फिल्म के सबसे लोकप्रिय गानों में से एक है ‘संदेशे आते हैं’, जिसे सोनू निगम और रूप कुमार राठौड़ ने गाया था। यह गाना उन सैनिकों की भावनाओं को व्यक्त करता है जो सीमा पर लड़ते हुए अपने प्रियजनों के पत्रों का इंतजार कर रहे हैं।

इस गाने को अनु मलिक ने कंपोज किया था और जावेद अख्तर ने लिखा था। यह गाना युद्ध के वास्तविक स्थानों, जैसे राजस्थान के जैसलमेर और लोंगेवाला, पर फिल्माया गया था।

इस गाने के बारे में कुछ दिलचस्प तथ्य इस प्रकार हैं:

– यह गाना करीब 10 मिनट लंबा है और इसमें फिल्म के लगभग सभी मुख्य किरदार शामिल हैं। इसे बॉलीवुड इतिहास के सबसे लंबे गानों में से एक माना जाता है।

– गाने को सोनू निगम और रूप कुमार राठौड़ ने बिना किसी रीटेक या सुधार के एक टेक में रिकॉर्ड किया था। गायक गीत के बोल से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने पूरी भावना और जुनून के साथ गाया।

– यह गाना युद्ध के दौरान हुई एक वास्तविक घटना से प्रेरित था। जे.पी.दत्ता के भाई, जो वायु सेना के पायलट थे, ने एक मिशन पर जाने से पहले अपने परिवार को एक पत्र भेजा था।

– कार्रवाई में शहीद होने के बाद यह पत्र उनके घर पहुंचा। जे.पी.दत्ता ने यह गाना बनाकर अपने भाई और देश के लिए अपनी जान कुर्बान करने वाले सभी सैनिकों को श्रद्धांजलि देने का फैसला किया।

– इस गाने की तारीफ भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने भी की थी और उन्होंने जे.पी.दत्ता को फोन कर इतना देशभक्तिपूर्ण और मार्मिक गाना बनाने के लिए बधाई दी थी.

– यह गाना भारतीय सेना के लिए एक गान बन गया है और इसे गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस, विजय दिवस और कारगिल विजय दिवस जैसे विभिन्न अवसरों पर बजाया जाता है। यह गीत देश भर में स्कूली बच्चों और कॉलेज के छात्रों द्वारा सशस्त्र बलों के प्रति सम्मान और कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए भी गाया जाता है।

 

 

 

5. है प्रीत जहाँ की रीत सदा

जब ज़ीरो दिया मेरे भारत ने
भारत ने
मेरे भारत ने
दुनिया को तब गिनती आयी

तारों की भाषा भारत ने
दुनिया को पहले सिखलायी
देता ना दशमलव भारत तो
यूँ चाँद पे जाना मुश्किल था
धरती और चाँद की दूरी का
अंदाज़ा लगाना मुश्किल था

सभ्यता जहाँ पहले आयी
सभ्यता जहाँ पहले आयी
पहले जनमी है जहाँ पे कला
अपना भारत वो भारत है
जिसके पीछे संसार चला
संसार चला और आगे बढ़ा
यूँ आगे बढ़ा
बढ़ता ही गया
भगवान करे ये और बढ़े
बढ़ता ही रहे और फूले-फले
बढ़ता ही रहे और फूले-फले

है प्रीत जहाँ की रीत सदा
है प्रीत जहाँ की रीत सदा
है प्रीत जहाँ की रीत सदा
मैं गीत वहाँ के गाता हूँ

भारत का रहने वाला हूँ
भारत की बात सुनाता हूँ

है प्रीत जहाँ की रीत सदा

काले – गोरे का भेद नहीं
हर दिल से हमारा नाता है
कुछ और न आता हो हमको
हमें प्यार निभाना आता है
जिसे मान चुकी सारी दुनिया

जिसे मान चुकी सारी दुनिया
मैं बात
मैं बात वो ही दोहराता हूँ
भारत का रहने वाला हूँ
भारत की बात सुनाता हूँ

है प्रीत जहाँ की रीत सदा

जीते हो किसी ने देश तो क्या
हमने तो दिलों को जीता है
जहाँ राम अभी तक है नर में
नारी में अभी तक सीता है
इतने पावन हैं लोग जहाँ

इतने पावन हैं लोग जहाँ
मैं नित-नित
मैं नित-नित शीश झुकाता हूँ
भारत का रहने वाला हूँ
भारत की बात सुनाता हूँ

इतनी ममता नदियों को भी
जहाँ माता कह के बुलाते हैं
इतना आदर इन्सान तो क्या
पत्थर भी पूजे जाते हैं
उस धरती पे मैंने जनम लिया

उस धरती पे मैंने जनम लिया
ये सोच
ये सोच के मैं इतराता हूँ
भारत का रहने वाला हूँ
भारत की बात सुनाता हूँ

है प्रीत जहाँ की रीत सदा

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भारत का रहनेवाला हूं 1970 की हिंदी फिल्म पूरब और पश्चिम का एक देशभक्ति गीत है। इस गाने को कल्याणजी-आनंदजी ने संगीतबद्ध किया था और महेंद्र कपूर ने गाया था। गीत इंदीवर द्वारा लिखे गए थे और भारत के प्रति प्रेम और गौरव को व्यक्त करते थे।

यह गाना मनोज कुमार पर फिल्माया गया था, जिन्होंने लंदन में पढ़ने वाले एक भारतीय छात्र भरत की मुख्य भूमिका निभाई थी। यह गीत उनके साथी छात्रों की पश्चिमी जीवनशैली और भारतीय संस्कृति के उपहास का जवाब था। भारत ने भारत की महिमा और सुंदरता, इसके इतिहास और संस्कृति, इसके स्वतंत्रता संग्राम और इसकी उपलब्धियों के बारे में गाया।

यह गाना बहुत लोकप्रिय हुआ और इसे हिंदी सिनेमा के सर्वश्रेष्ठ देशभक्ति गीतों में से एक माना जाता है। इसे भारत में कुछ राजनीतिक दलों और सामाजिक आंदोलनों द्वारा एक नारे के रूप में भी इस्तेमाल किया गया था। इस गीत ने विदेश में रहने वाले कई भारतीयों को अपनी जड़ों और पहचान से दोबारा जुड़ने के लिए प्रेरित किया।

गाने के बारे में कुछ रोचक तथ्य इस प्रकार हैं:

– इस गाने को महेंद्र कपूर ने एक टेक में रिकॉर्ड किया था, जो अपनी दमदार आवाज और देशभक्ति गीतों के लिए जाने जाते थे। इस गाने के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ पार्श्वगायक का फिल्मफेयर पुरस्कार मिला।

– गाने के अंत में बच्चों का एक समूह “जय हिंद” गा रहा था, जो इस नारे का इस्तेमाल करने वाले स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस को श्रद्धांजलि थी।

– गाने की शूटिंग लंदन के ट्राफलगर स्क्वायर, वेस्टमिंस्टर ब्रिज, बिग बेन और बकिंघम पैलेस सहित विभिन्न स्थानों पर की गई थी। कुछ दृश्य दिल्ली के इंडिया गेट पर भी फिल्माए गए।

– इस गाने को 2003 में डीजे अकील द्वारा रीमिक्स किया गया था और एल्बम एक हसीना थी में दिखाया गया था। रीमिक्स संस्करण का उपयोग उर्मिला मातोंडकर और सैफ अली खान अभिनीत फिल्म एक हसीना थी में भी किया गया था।

– इस गाने की पैरोडी कॉमेडियन जसपाल भट्टी ने अपने शो फ्लॉप शो में की थी, जहां उन्होंने एक भ्रष्ट राजनेता के रूप में “भारत का रहने वाला हूं” गाया था, जो देश की संपत्ति लूटकर विदेश भाग गया था।

 

 

6.कर चले हम फ़िदा..

कर चले हम फ़िदा, जान-ओ-तन साथियों
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों
कर चले हम फ़िदा, जान-ओ-तन साथियों
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों

कर चले हम फ़िदा, जान-ओ-तन साथियों
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों

साँस थमती गई, नब्ज़ जमती गई
फिर भी बढ़ते कदम को ना रुकने दिया
कट गये सर हमारे तो कुछ ग़म नहीं
सर हिमालय का हमने न झुकने दिया
मरते-मरते रहा बाँकपन साथियों
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों

कर चले हम फ़िदा, जान-ओ-तन साथियों
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों

ज़िन्दा रहने के मौसम बहुत हैं मगर
जान देने की रुत रोज़ आती नहीं
हुस्न और इश्क दोनों को रुसवा करे
वो जवानी जो खूँ में नहाती नहीं
आज धरती बनी है दुल्हन साथियों
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों

कर चले हम फ़िदा, जान-ओ-तन साथियों
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों

राह कुर्बानियों की ना वीरान हो
तुम सजाते ही रहना नये काफ़िले
फ़तह का जश्न इस जश्न के बाद है
ज़िन्दगी मौत से मिल रही है गले
बाँध लो अपने सर से कफ़न साथियों
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों

कर चले हम फ़िदा, जान-ओ-तन साथियों
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों

खेंच दो अपने खूँ से जमीं पर लकीर
इस तरफ आने पाये ना रावण कोई
तोड़ दो हाथ अगर हाथ उठने लगे
छूने पाये ना सीता का दामन कोई
राम भी तुम तुम्हीं लक्ष्मण साथियों
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों

कर चले हम फ़िदा, जान-ओ-तन साथियों
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों

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“कर चले हम फिदा” गाना चेतन आनंद द्वारा निर्देशित 1964 की हिंदी युद्ध फिल्म “हकीकत” का एक देशभक्ति गीत है। इस गीत की रचना मदन मोहन ने की थी और इसे कैफ़ी आज़मी ने लिखा था। गायक मोहम्मद रफ़ी थे, जो अपनी बहुमुखी और भावपूर्ण आवाज़ के लिए जाने जाते थे।

यह गीत उन भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि है जिन्होंने 1962 के भारत-चीन युद्ध में अपने प्राणों की आहुति दी थी। गीत उन सैनिकों के साहस, निष्ठा और समर्पण को व्यक्त करते हैं जो अपने देश के लिए मरने को तैयार हैं। यह गीत रामायण की कल्पना का भी आह्वान करता है, जहां राम और लक्ष्मण सीता की रक्षा के लिए रावण से लड़ते हैं।

यह गाना लद्दाख में फिल्माया गया था, जहां वास्तविक युद्ध हुआ था। गाने में धर्मेंद्र, बलराज साहनी, प्रिया राजवंश और अन्य कलाकार सैनिकों की भूमिका निभा रहे हैं। यह गाना फ़िल्म के अंत में तब बजाया जाता है, जब युद्ध में सैनिक मारे जाते हैं या घायल होते हैं।

इस गाने का स्वर गंभीर और भावनात्मक है और इसे हिंदी सिनेमा के सबसे प्रतिष्ठित और यादगार गानों में से एक माना जाता है। इस गीत को पिछले कुछ वर्षों में कई गायकों और संगीतकारों द्वारा कवर किया गया है, और इसने अपने देशभक्ति संदेश से भारतीयों की पीढ़ियों को प्रेरित किया है।

 

 

 

7. ये देश है वीर जवानों का

ओ… ओ… ओ…

ये देश है वीर जवानों का
अलबेलों का मस्तानों का
इस देश का यारों

होय

इस देश का यारों क्या कहना
ये देश है दुनिया का गहना

ओ… ओ… ओ…

यहाँ चौड़ी छाती वीरों की
यहाँ भोली शक्लें हीरों की
यहाँ गाते हैं राँझे

होय

यहाँ गाते हैं राँझे मस्ती में
मचती हैं धूमें बस्ती में

ओ… ओ… ओ…

पेड़ों पे बहारें झूलों की
राहों में कतारें फूलों की
यहाँ हँसता है सावन

होय

यहाँ हँसता है सावन बालों में
खिलती हैं कलियाँ गालों में

ओ… ओ… ओ…

कहीं दंगल शोख जवानों के
कहीं करतब तीर कमानों के
यहाँ नित नित मेले

होय

यहाँ नित नित मेले सजते हैं
नित ढोल और ताशे बजते हैं

ओ… ओ… ओ…

दिलबर के लिये दिलदार हैं हम
दुश्मन के लिये तलवार हैं हम
मैदां में अगर हम
मैदां में अगर हम डट जाएं
मुश्किल है के पीछे हट जाएं

हुर्र, हे, हा
हुर्र, हे, हा
हुर्र, हे, हा

हड़िपा, हड़िपा, हड़िपा

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ये देश है वीर जवानों का 1957 की हिंदी फिल्म नया दौर का एक देशभक्ति गीत है। इस गाने को ओ.पी. नैय्यर ने संगीतबद्ध किया था और मोहम्मद रफ़ी और बलबीर ने गाया था। गाने के बोल साहिर लुधियानवी ने लिखे थे और यह गाना दिलीप कुमार और वैजयंतीमाला पर फिल्माया गया था। इस प्रतिष्ठित गीत के बारे में कुछ रोचक तथ्य इस प्रकार हैं:

– यह गाना जट्टा आई बैसाखी नामक पंजाबी लोक गीत की धुन से प्रेरित था, जिसे नैय्यर ने 1959 में भांगड़ा नामक एक अन्य फिल्म में भी इस्तेमाल किया था।

– यह गाना उन भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों की भावना का जश्न मनाता है जिन्होंने ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी। गीत उन भारतीय सैनिकों की बहादुरी, साहस और बलिदान की प्रशंसा करते हैं जिन्होंने अपनी मातृभूमि की रक्षा की।

– यह गाना दिल्ली के कुतुब मीनार पर फिल्माया गया था, जो यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल है और दुनिया की सबसे ऊंची ईंट मीनारों में से एक है। गाने में एक नृत्य अनुक्रम है जहां दिलीप कुमार और वैजयंतीमाला मीनार के चारों ओर विभिन्न कदम उठाते हैं।

– यह गाना बहुत हिट हुआ और भारत में देशभक्ति और राष्ट्रवाद का एक लोकप्रिय गीत बन गया। दर्शकों में देशभक्ति की भावनाएँ जगाने के लिए इसे विभिन्न सार्वजनिक कार्यक्रमों और समारोहों में भी बजाया गया।

– इस गाने को वर्षों तक विभिन्न कलाकारों द्वारा रीमिक्स और रीक्रिएट भी किया गया। कुछ उल्लेखनीय संस्करण आर.डी. बर्मन, अनु मलिक, शंकर-एहसान-लॉय और ए.आर. के हैं। रहमान.

 

 

8. जहाँ डाल-डाल पर
सोने की चिड़िया करती है बसेरा

 

जहाँ डाल-डाल पर
सोने की चिड़िया करती है बसेरा
वो भारत देश है मेरा
वो भारत देश है मेरा

जहाँ डाल-डाल पर
सोने की चिड़िया करती है बसेरा
वो भारत देश है मेरा
वो भारत देश है मेरा

जहाँ सत्य, अहिंसा और धर्म का
पग-पग लगता डेरा
वो भारत देश है मेरा
वो भारत देश है मेरा

जय भारती, जय भारती, जय भारती, जय भारती

ये धरती वो जहाँ ऋषि मुनि
जपते प्रभु नाम की माला

हरी ॐ, हरी ॐ, हरी ॐ, हरी ॐ

जहाँ हर बालक एक मोहन है
और राधा इक-इक बाला
और राधा इक-इक बाला
जहाँ सूरज सबसे पहले आ कर
डाले अपना फेरा
वो भारत देश है मेरा
वो भारत देश है मेरा

जहाँ गंगा, जमुना, कृष्ण और
कावेरी बहती जाए
जहाँ उत्तर, दक्षिण, पूरब, पश्चिम
को अमृत पिलवाये
ये अमृत पिलवाये
कहीं ये फल और फूल उगाये
केसर कहीं बिखेरा
वो भारत देश है मेरा
वो भारत देश है मेरा

अलबेलों की इस धरती के
त्यौहार भी हैं अलबेले
कहीं दीवाली की जगमग है
होली के कहीं मेले
कहीं दीवाली की जगमग है

होली के कहीं मेले, होली के कहीं मेले
जहाँ राग रंग और हँसी खुशी का
चारो और है घेरा
वो भारत देश है मेरा
वो भारत देश है मेरा

जहाँ डाल-डाल पर
सोने की चिड़िया करती है बसेरा
वो भारत देश है मेरा
वो भारत देश है मेरा

जहाँ आसमान से बातें करते
मंदिर और शिवाले
किसी नगर मे किसी द्वार पर
कोई न ताला डाले,
कोई न ताला डाले
और प्रेम की बंसी जहाँ बजाता
आये शाम सवेरा
वो भारत देश है मेरा
वो भारत देश है मेरा

जहाँ सत्य, अहिंसा और धर्म का
पग-पग लगता डेरा
वो भारत देश है मेरा
वो भारत देश है मेरा

जय भारती, जय भारती, जय भारती, जय भारती

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9. मेरे देश की धरती 

मेरे देश की धरती सोना उगले, उगले हीरे मोती
मेरे देश की धरती

बैलों के गले में जब घुँघरू जीवन का राग सुनाते हैं
ग़म कोस दूर हो जाता है खुशियों के कंवल मुस्काते हैं
सुन के रहट की आवाज़ें यूँ लगे कहीं शहनाई बजे
आते ही मस्त बहारों के दुल्हन की तरह हर खेत सजे

मेरे देश की धरती सोना उगले उगले हीरे मोती
मेरे देश की धरती

जब चलते हैं इस धरती पे हल ममता अँगड़ाइयाँ लेती है
क्यों ना पूजें इस माटी को जो जीवन का सुख देती है
इस धरती पे जिसने जन्म लिया उसने ही पाया प्यार तेरा

यहाँ अपना पराया कोई नही हैं सब पे है माँ उपकार तेरा

मेरे देश की धरती सोना उगले उगले हीरे मोती
मेरे देश की धरती

ये बाग़ हैं गौतम नानक का खिलते हैं अमन के फूल यहाँ
गांधी, सुभाष, टैगोर, तिलक ऐसे हैं चमन के फूल यहाँ
रंग हरा हरिसिंह नलवे से रंग लाल है लाल बहादुर से
रंग बना बसंती भगतसिंह से रंग अमन का वीर जवाहर से

मेरे देश की धरती सोना उगले उगले हीरे मोती
मेरे देश की धरती

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मेरे देश की धरती 1967 की हिंदी फिल्म उपकार का एक देशभक्ति गीत है। इस गाने को कल्याणजी-आनंदजी ने संगीतबद्ध किया था और महेंद्र कपूर ने गाया था। गाने के बोल गुलशन बावरा ने लिखे थे और गाना मनोज कुमार पर फिल्माया गया था, जिन्होंने फिल्म का निर्देशन भी किया था।

यह गीत भारत के किसानों और सैनिकों को एक श्रद्धांजलि है, जो देश का पेट भरने और उसकी रक्षा करने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं। यह गीत भारत की भूमि, उसकी नदियों, पहाड़ों, फसलों, मौसमों और संस्कृति की प्रशंसा करता है। गीत यह आशा भी व्यक्त करता है कि भारत सदैव एकजुट और समृद्ध रहेगा।

यह गाना बहुत हिट हुआ और भारत में राष्ट्रवाद और देशभक्ति का गीत बन गया। यह गाना विभिन्न सार्वजनिक कार्यक्रमों और रैलियों में बजाया गया, खासकर 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान। इस गाने ने हिंदी सिनेमा में कई अन्य देशभक्ति गीतों को भी प्रेरित किया।

इस गीत को पिछले कुछ वर्षों में कई गायकों और संगीतकारों द्वारा कवर किया गया है। कुछ उल्लेखनीय संस्करण सोनू निगम, अनुप जलोटा, सुरेश वाडकर, उदित नारायण और शंकर महादेवन के हैं। इस गाने को विभिन्न कलाकारों द्वारा रीमिक्स और रीक्रिएट भी किया गया है।

इस गीत को कई पुरस्कारों और सम्मानों से सम्मानित किया गया है। इस गीत ने 1968 में गुलशन बावरा के लिए सर्वश्रेष्ठ गीतकार का फिल्मफेयर पुरस्कार जीता। इस गीत को 2013 में बीबीसी एशियन नेटवर्क द्वारा 100 महानतम बॉलीवुड गीतों की सूची में भी शामिल किया गया था। इस गीत को वृत्तचित्र फिल्म बॉलीवुड: द ग्रेटेस्ट लव स्टोरी में भी दिखाया गया था। एवर टोल्ड, जिसे 2011 में कान्स फिल्म फेस्टिवल में प्रदर्शित किया गया था।

 

 

10. कन्धों से मिलते हैं कन्धे

कन्धों से मिलते हैं कन्धे, कदमों से कदम मिलते हैं
हम चलते हैं जब ऐसे तो, दिल दुश्मन के हिलते हैं

कन्धों से मिलते हैं कन्धे, कदमों से कदम मिलते हैं
हम चलते हैं जब ऐसे तो, दिल दुश्मन के हिलते हैं

अब तो हमें आगे बढ़ते है रहना
अब तो हमें, साथी है बस इतना ही कहना
अब तो हमें आगे बढ़ते है रहना
अब तो हमें, साथी है बस इतना ही कहना

अब जो भी हो, शोला बनके पत्थर है पिघलाना
अब जो भी हो, बादल बनके परबत पर है छाना

कन्धों से मिलते हैं कन्धे, कदमों से कदम मिलते हैं
हम चलते हैं जब ऐसे तो, दिल दुश्मन के हिलते हैं
कन्धों से मिलते हैं कन्धे, कदमों से कदम मिलते हैं
हम चलते हैं जब ऐसे तो, दिल दुश्मन के हिलते हैं

निकले हैं मैदां में हम जाँ हथेली पर लेकर
अब देखो दम लेंगे हम जाके अपनी मंज़िल पर
खतरों से हँस के खेलना, इतनी तो हममें हिम्मत है
मोड़े कलाई मौत की, इतनी तो हममें ताक़त है

हम सरहदों के वास्ते लोहे की इक दीवार हैं
हम दुश्मनों के वास्ते होशियार हैं, तैयार हैं
अब जो भी हो, शोला बनके पत्थर है पिघलाना
अब जो भी हो, बादल बनके परबत पर है छाना

कन्धों से मिलते हैं कन्धे, कदमों से कदम मिलते हैं
हम चलते हैं जब ऐसे तो, दिल दुश्मन के हिलते हैं

जोश दिल में जगाते चलो, जीत के गीत गाते चलो
जोश दिल में जगाते चलो, जीत के गीत गाते चलो
जीत की जो तस्वीर बनाने हम निकले हैं
अपनी लहू से हमको उसमें रंग भरना है

साथी मैंने अपने दिल में अब ये ठान लिया है
या तो अब करना है, या तो अब मरना है
चाहे अंगारें बरसे के बिजली गिरे
तू अकेला नहीं होगा यारा मेरे

कोई मुश्किल हो या हो कोई मोर्चा
साथ हर मोड़ पर होंगे साथी तेरे

अब जो भी हो, शोला बनके पत्थर है पिघलाना
अब जो भी हो, बादल बनके परबत पर है छाना

कन्धों से मिलते हैं कन्धे, कदमों से कदम मिलते हैं
हम चलते हैं जब ऐसे तो, दिल दुश्मन के हिलते हैं

इक चेहरा अक्सर मुझे याद आता है
इस दिल को चुपके-चुपके वो तड़पाता है
जब घर से कोई भी ख़त आया है
कागज़ को मैंने भीगा-भीगा पाया है

हो ओ पलकों पे यादों के कुछ दीप जैसे जलते हैं
कुछ सपने ऐसे हैं, जो साथ-साथ चलते हैं
कोई सपना ना टूटे, कोई वादा ना टूटे
तुम चाहो जिसे दिल से, वो तुमसे ना रूठे

अब जो भी हो, शोला बनके पत्थर है पिघलाना
अब जो भी हो, बादल बनके परबत पर है छाना

कन्धों से मिलते हैं कन्धे, कदमों से कदम मिलते हैं
हम चलते हैं जब ऐसे तो, दिल दुश्मन के हिलते हैं

चलता है जो ये कारवाँ, गूंजी सी है… ये वादियाँ

है ये ज़मीं [गूंजी गूंजी], ये आसमां [गूंजा गूंजा] है ये हवा [गूंजी गूंजी], है ये समां [गूंजा गूंजा]

हर रस्ते ने, हर वादी ने, हर परबत ने, सदा दी
हम जीतेंगे, हम जीतेंगे, हम जीतेंगे, हर बाज़ी

(कन्धों से मिलते हैं कन्धे, कदमों से कदम मिलते हैं
हम चलते हैं जब ऐसे तो, दिल दुश्मन के हिलते हैं)-4

चलता है जो ये कारवाँ, गूंजी सी है, ये वादिया

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11. तेरी मिट्टी में मिल जावां

तलवारों पे सर वार दिए
अंगारों में जिस्म जलाया है
तब जाके कहीं हमने सर पे
ये केसरी रंग सजाया है

ऐ मेरी जमीं अफसोस नहीं
जो तेरे लिए सौ दर्द सहे
महफूज रहे तेरी आन सदा
चाहे जान ये मेरी रहे न रहे

हाँ मेरी जमीं महबूब मेरी
मेरी नस नस में तेरा इश्क बहे
फीका ना पड़े कभी रंग तेरा
जिस्म से निकल के खून कहे

तेरी मिट्टी में मिल जावां
गुल बनके मैं खिल जावां
इतनी सी है दिल की आरजू

तेरी नदियों में बह जावां
तेरे खेतों में लहरावां
इतनी सी है दिल की आरजू

ओ.. ओ.. ओ ओ ओ..

सरसों से भरे खलिहान मेरे
जहाँ झूम के भांगड़ा पा न सका
आबाद रहे वो गाँव मेरा
जहाँ लौट के वापस जा न सका

ओ वतना वे मेरे वतना वे
तेरा मेरा प्यार निराला था
कुर्बान हुआ तेरी अस्मत पे
मैं कितना नसीबों वाला था

तेरी मिट्टी में मिल जावां
गुल बनके मैं खिल जावां
इतनी सी है दिल की आरजू

तेरी नदियों में बह जावां
तेरे खेतों में लहरावां
इतनी सी है दिल की आरजू

ओ हीर मेरी तू हंसती रहे
तेरी आँख घड़ी भर नम ना हो
मैं मरता था जिस मुखड़े पे
कभी उसका उजाला कम ना हो

ओ माई मेरे क्या फिकर तुझे
क्यूँ आँख से दरिया बहता है
तू कहती थी तेरा चाँद हूँ मैं
और चाँद हमेशा रहता है

तेरी मिट्टी में मिल जावां
गुल बनके मैं खिल जावां
इतनी सी है दिल की आरजू

तेरी नदियों में बह जावां
तेरे फसलों में लहरावां
इतनी सी है दिल की आरजू

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12. वन्दे मातरम्

वन्दे मातरम्
वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्
वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्
वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्
वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्

वन्दे मातरम्
वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्
वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्
वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्
वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्

सुजलां सुफलाम्
मलयजशीतलाम्
शस्यश्यामलाम्
मातरम्… वन्दे

सुजलां सुफलाम्
मलयजशीतलाम्
शस्यश्यामलाम्
मातरम्…

वन्दे मातरम्
वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्
माँ…
वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्
वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्
वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्

शुभ्रज्योत्स्नापुलकितयामिनीम्
फुल्लकुसुमितद्रुमदलशोभिनीम्
शुभ्रज्योत्स्नापुलकितयामिनीम्
फुल्लकुसुमितद्रुमदलशोभिनीम्

सुहासिनीं सुमधुर भाषिणीम्
सुखदां वरदां मातरम्

वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्
वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्
वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्
वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्

सप्त-कोटि-कण्ठ-कल-कल-निनाद-कराले
द्विसप्त-कोटि-भुजैर्धृत-खरकरवाले
सप्त-कोटि-कण्ठ-कल-कल-निनाद-कराले
द्विसप्त-कोटि-भुजैर्धृत-खरकरवाले

अबला केन मा एत बॅले
बहुबलधारिणीं
नमामि तारिणीं
रिपुदलवारिणीं
मातरम्

वन्दे मातरम्
वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्
वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्
वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्
वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्

त्वम् हि दुर्गा दशप्रहरणधारिणी
कमला कमलदलविहारिणी
वाणी विद्यादायिनी
नमामि त्वाम्
नमामि कमलाम्
अमलां अतुलाम्
सुजलां सुफलाम्
मातरम्

श्यामलाम् सरलाम्
सुस्मिताम् भूषिताम्
धरणीं भरणीं
मातरम्

वन्दे मातरम्
वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्
वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्
वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्
वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्

वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्
वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्
वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्
वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्

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13. ताकत वतन की हमसे है

ताकत वतन की हमसे है
हिम्मत वतन की हमसे है
इज्ज़त वतन की हमसे है
इंसान के हम रखवाले

पहरेदार हिमालय के हम
झोंके हैं तूफ़ान के
सुनकर गरज हमारी सीने
फट जाते चट्टान के
हा हा हा..

ताकत वतन की हमसे है
हिम्मत वतन की हमसे है
इज्ज़त वतन की हमसे है
इंसान के हम रखवाले
हा हा हा..

सीना है फौलाद का अपना
फूलों जैसा दिल है
तन में विन्ध्याजल का बल है
मन में ताजमहल है
हा हा हा..

ताकत वतन की हमसे है
हिम्मत वतन की हमसे है
इज्ज़त वतन की हमसे है
इंसान के हम रखवाले
हा हा हा.. ता रा रा

देकर अपना खून सींचते
देश की हम फुलवारी
बंसी से बन्दूक बनाते हम वो प्रेम पुजारी
हा हा हा..

ताकत वतन की हमसे है
हिम्मत वतन की हमसे है
इज्ज़त वतन की हमसे है
इंसान के हम रखवाले

आकर हमको कसम दे गई
राखी किसी बहन की
देंगे अपना शीश
न देंगे मिट्टी मगर वतन की

ताकत वतन की हमसे है
हिम्मत वतन की हमसे है
इज्ज़त वतन की हमसे है
इंसान के हम रखवाले

खतरे में हो देश अरे तब लड़ना सिर्फ धरम है
मरना है क्या चीज़ आदमी लेता नया जनम है

ताकत वतन की हमसे है
हिम्मत वतन की हमसे है
इज्ज़त वतन की हमसे है
इंसान के हम रखवाले

एक जान है, एक प्राण है सारा देश हमारा
नदियाँ चल कर थकी रुकी
पर कभी न गंगा धरा

ताकत वतन की हमसे है
हिम्मत वतन की हमसे है
इज्ज़त वतन की हमसे है
इंसान के हम रखवाले

 

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14. चक दे हो चक दे इंडिया

कुछ करिए, कुछ करिए
नस नस मेरी खोले, हाय कुछ करिए
कुछ करिए, कुछ करिए
बस बस बड़ा बोले, अब कुछ करिए

हो कोई तो चल ज़िद्द फड़िए
तू बिदरिये या मरिये
हो कोई तो चल ज़िद्द फड़िए
तू बिदरिये या मरिये

चक दे हो चक दे इंडिया
चक दे हो चक दे इंडिया
चक दे हो चक दे इंडिया

कुचों में गलियों में, राशन की फलियों में
बैलों में बीजों में, ईदों में तीजों में
रेतों के दानों में, फिल्मों के गानों में
सड़को के गड्ढों में, बातों के अड्डों में
हुंकारा आज भर ले, दस बारह बार कर ले
रहना ना यार पीछे, कितना भी कोई खींचे
टस है ना मस है जी, ज़िद है तो ज़िद है जी
किसना यूँ ही, पिसना यूँ ही, पिसना यूँ ही
बस करिए..

हो कोई तो चल ज़िद्द फड़िए
तू बिदरिये या मरिये
हो कोई तो चल ज़िद्द फड़िए
तू बिदरिये या मरिये

चक दे हो चक दे इंडिया
चक दे हो चक दे इंडिया
चक दे हो चक दे इंडिया

लड़ती पतंगों में, भिड़ती उमँगों में
खेलों के मेलों में, बलखाती रेलों में

गन्नों के मीठे में, खद्दर में, झींटें में
ढूँढो तो मिल जावे, पत्ता वो ईंटों में

रंग ऐसा आज निखरे, और खुलके आज बिखरे
मन जाए ऐसी होली, रग-रग में दिल के बोली
टस है ना मस है जी, ज़िद है तो ज़िद है जी
किसना यूँ ही, पिसना यूँ ही, पिसना यूँ ही
बस करिए..

हो कोई तो चल ज़िद्द फड़िए
तू बिदरिये या मरिये
हो कोई तो चल ज़िद्द फड़िए
तू बिदरिये या मरिये

चक दे हो चक दे इंडिया
चक दे हो चक दे इंडिया
चक दे हो चक दे इंडिया

********

 

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15. अपनी आज़ादी को हम हरगिज़ मिटा सकते नहीं

अपनी आज़ादी को हम हरगिज़ मिटा सकते नहीं
सर कटा सकते हैं लेकिन, सर झुका सकते नहीं

हमने सदियों में ये आज़ादी की नेमत पाई है
सैकड़ों कुर्बानियां देकर ये दौलत पाई है
मुस्कुराकर खाई है सीनों पे अपने गोलियां
कितने वीरानों से गुज़रे हैं तो जन्नत पाई है
ख़ाक में हम अपनी इज़्ज़त को मिला सकते नहीं
अपनी आज़ादी…

क्या चलेगी ज़ुल्म की अहले वफ़ा के सामने
आ नहीं सकता कोई शोला हवा के सामने
लाख फ़ौजें ले के आए अम्न का दुश्मन कोई
रुक नहीं सकता हमारी एकता के सामने
हम वो पत्थर हैं जिसे दुश्मन हिला सकते नहीं
अपनी आज़ादी…

वक़्त की आवाज़ के हम साथ चलते जाएंगे
हर क़दम पर ज़िन्दगी का रुख बदलते जाएंगे
गर वतन में भी मिलेगा कोई गद्दारे वतन
अपनी ताकत से हम उसका सर कुचलते जाएंगे
एक धोखा खा चुके हैं और खा सकते नहीं
अपनी आज़ादी…

हम वतन के नौजवां हैं हमसे जो टकराएगा
वो हमारी ठोकरों से ख़ाक में मिल जाएगा
वक़्त के तूफ़ान में बह जाएंगे ज़ुल्मों-सितम
आसमां पर ये तिरंगा उम्र भर लहराएगा
जो सबक बापू ने सिखलाया भुला सकते नहीं
सर कटा सकते…अपनी आज़ादी को हम हरगिज़ मिटा सकते नहीं
सर कटा सकते हैं लेकिन, सर झुका सकते नहीं

 

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16.मेरा मुल्क मेरा देश मेरा ये वतन

मेरा मुल्क मेरा देश मेरा ये वतन
शांति का उन्नति का प्यार का चमन
मेरा मुल्क मेरा देश मेरा ये वतन
शांति का उन्नति का प्यार का चमन
इसके वास्ते निसार है मेरा तन मेरा मन
ए वतन, ए वतन, ए वतन
जानेमन, जानेमन, जानेमन
ए वतन, ए वतन, ए वतन
जानेमन, जानेमन, जानेमन

मेरा मुल्क मेरा देश मेरा ये वतन
शांति का उन्नति का प्यार का चमन

आ.. हा.. आहा.. आ..

इसकी मिट्टी से बने तेरे मेरे ये बदन
इसकी धरती तेरे मेरे वास्ते गगन
इसने ही सिखाया हमको जीने का चलन
जीने का चलन..
इसके वास्ते निसार है मेरा तन मेरा मन
ए वतन, ए वतन, ए वतन
जानेमन, जानेमन, जानेमन
मेरा मुल्क मेरा देश मेरा ये वतन
शांति का उन्नति का प्यार का चमन

अपने इस चमन को स्वर्ग हम बनायेंगे
कोना-कोना अपने देश का सजायेंगे
जश्न होगा ज़िन्दगी का, होंगे सब मगन
होंगे सब मगन..
इसके वास्ते निसार है मेरा तन मेरा मन
ए वतन, ए वतन, ए वतन
जानेमन, जानेमन, जानेमन

मेरा मुल्क मेरा देश मेरा ये वतन
शांति का उन्नति का प्यार का चमन
मेरा मुल्क मेरा देश मेरा ये वतन
शांति का उन्नति का प्यार का चमन

इसके वास्ते निसार है मेरा तन मेरा मन
ए वतन, ए वतन, ए वतन
जानेमन, जानेमन, जानेमन
ए वतन, ए वतन, ए वतन
जानेमन, जानेमन, जानेमन..

********

 

 

17.आई लव माई इंडिया

लंदन देखा
पैरिस देखा
और देखा जापान
माईकल देखा, एल्विस देखा
सब देखा मेरी जान
सारे जग में कहीं नहीं है
दूसरा हिंदुस्तान
दूसरा हिंदुस्तान

ये दुनिया एक दुल्हन
दुल्हन के माथे की बिंदिया
ये मेरा इंडिया
आई लव माई इंडिया

ये दुनिया एक दुल्हन
दुल्हन के माथे की बिंदिया
ये मेरा इंडिया
आई लव माई इंडिया

जब छेड़ा मल्हार किसी ने
झूमके सावन आया
आग लगा दी पानी में जब
दीपक राग सुनाया
सात सुरों का संगम ये जीवन गीतों की माला
हम अपने भगवान को भी कहते हैं बाँसुरी वाला

ये मेरा इंडिया
आई लव माई इंडिया
ये मेरा इंडिया
आई लव माई इंडिया

पीहू-पीहू बोले पपीहा, कोयल कूहू-कूहू गाये
हँसते, रोते, हमने जीवन के सब गीत बनाए
ये सारी दुनिया अपने-अपने गीतों को गाये
गीत वो गाओ जिससे इस मिट्टी की खुश्बू आये

आई लव इंडिया
आई लव माई इंडिया आई लव माई इंडिया,

आई लव माई इंडिया
वतन मेरा इंडिया
सजन मेरा इंडिया
करम मेरा इंडिया
धरम मेरा इंडिया

ये दुनिया एक दुल्हन
दुल्हन के माथे की बिंदिया
ये मेरा इंडिया
आई लव माई इंडिया
वतन मेरा इंडिया
सजन मेरा इंडिया
करम मेरा इंडिया
धरम मेरा इंडिया

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18. जिस देश में गंगा बहती है

होठों पे सच्चाई रहती है
जहाँ दिल में सफ़ाई रहती है
हम उस देश के वासी हैं,
जिस देश में गंगा बहती है

मेहमां जो हमारा होता है
वो जान से प्यारा होता है
ज़्यादा की नहीं लालच हमको
थोड़े मे गुज़ारा होता है
बच्चों के लिये जो धरती माँ
सदियों से सभी कुछ सहती है
हम उस देश के…

कुछ लोग जो ज़्यादा जानते हैं
इन्सान को कम पहचानते हैं
ये पूरब है पूरबवाले
हर जान की कीमत जानते हैं
मिल जुल के रहो और प्यार करो
एक चीज़ यही जो रहती है
हम उस देश के…

जो जिससे मिला सिखा हमने
गैरों को भी अपनाया हमने
मतलब के लिये अन्धे होकर
रोटी को नहीं पूजा हमने
अब हम तो क्या
सारी दुनिया सारी दुनिया से कहती है
हम उस देश के…

होठों पे सच्चाई रहती है
जहाँ दिल में सफ़ाई रहती है
हम उस देश के वासी हैं,
जिस देश में गंगा बहती है.

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19.दे दी हमें आज़ादी बिना खड़ग बिना ढाल

साबरमती के सन्त तूने कर दिया कमाल
आंधी में भी जलती रही गाँधी तेरी मशाल
साबरमती के सन्त तूने कर दिया कमाल
दे दी हमें आज़ादी बिना खड़ग बिना ढाल
साबरमती के सन्त तूने कर दिया कमाल

धरती पे लड़ी तूने अजब ढब की लड़ाई
दागी न कही तोप न बंदूक चलाई
दुश्मन के किले पर भी न की तूने चढ़ाई
वाह रे फ़क़ीर खुब करामात दिखाई
चुटकी में दुश्मनों को दिया देश से निकाल
साबरमती के सन्त तूने कर दिया कमाल
दे दी हमें आज़ादी बिना खड़ग बिना ढाल
साबरमती के सन्त तूने कर दिया कमाल
रघुपति राघव राजा राम

शतरंज बिछा कर यहाँ बैठा था ज़माना
लगता था मुश्किल है फिरंगी को हराना
टक्कर थी बड़े ज़ोर की दुश्मन भी था ताना
पर तू भी था बापू बड़ा उस्ताद पुराण
मारा वो कास के दाव के उलटी सभी की चल
साबरमती के सन्त तूने कर दिया कमाल
दे दी हमें आज़ादी बिना खड़ग बिना ढाल
साबरमती के सन्त तूने कर दिया कमाल
रघुपति राघव राजा राम

जब जब तेरा बिगुल बजा जवान चल पड़े
मज़दूर चल पड़े थे और किसान चल पड़े
हिन्दू वो मुसलमान
कदमों पे तेरे कोटि कोटि प्राण चल पड़े
फूलों की सेज छोड के दौडे जवाहर लाल
साबरमती के सन्त तूने कर दिया कमाल
दे दी हमें आज़ादी बिना खड़ग बिना ढाल
साबरमती के सन्त तूने कर दिया कमाल
रघुपति राघव राजा राम

मन में थी अहिंसा की लगन तन पे लँगोटी
लाखो में घूमता था लिए सताय की सोती
वैसे तो देखने में थी हस्ती तेरी छोटी
लेकिन तुझे झुकाती थी हिमालय की भी छोटी
दुनिया में तू बेजोड़ था इंसान बेमिसाल
साबरमती के सन्त तूने कर दिया कमाल
दे दी हमें आज़ादी बिना खड़ग बिना ढाल
साबरमती के सन्त तूने कर दिया कमाल
रघुपति राघव राजा राम

जग में कोई जिया है तो बापू तू ही जिया
तूने वतन की राह पे सब कुछ लुटा दिया
माँगा न कोई तख़्त न तो ताज ही लिया
अमृत दिया सभी को मगर खुद ज़हर पिया
जिस दिन तेरी चिता जली
साबरमती के सन्त तूने कर दिया कमाल
दे दी हमें आज़ादी बिना खड़ग बिना ढाल
साबरमती के सन्त तूने कर दिया कमाल
रघुपति राघव राजा राम.

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20. ऐ मेरे प्यारे वतन, ऐ मेरे बिछड़े चमन

ऐ मेरे प्यारे वतन, ऐ मेरे बिछड़े चमन
तुझपे दिल क़ुरबान

तू ही मेरी आरज़ू, तू ही मेरी आबरू
तू ही मेरी जान

ऐ मेरे प्यारे वतन, ऐ मेरे बिछड़े चमन
तुझपे दिल क़ुरबान

तेरे दामन से जो आए उन हवाओं को सलाम
तेरे दामन से जो आए उन हवाओं को सलाम
चूम लूँ मैं उस ज़ुबाँ को जिसपे आए तेरा नाम
सबसे प्यारी सुबह तेरी, सबसे रंगीं तेरी शाम
तुझपे दिल क़ुरबान

तू ही मेरी आरज़ू, तू ही मेरी आबरू
तू ही मेरी जान

माँ का दिल बन के कभी सीने से लग जाता है तू
माँ का दिल बन के कभी सीने से लग जाता है तू
और कभी नन्हीं सी बेटी बन के याद आता है तू
जितना याद आता है मुझको उतना तड़पाता है तू
तुझपे दिल क़ुरबान

तू ही मेरी आरज़ू, तू ही मेरी आबरू
तू ही मेरी जान

छोड़ कर तेरी ज़मीं को दूर आ पहुंचे हैं हम
छोड़ कर तेरी ज़मीं को दूर आ पहुंचे हैं हम
फिर भी है ये ही तमन्ना तेरे ज़र्रों की क़सम
हम जहाँ पैदा हुए उस जगह ही निकले दम
तुझपे दिल क़ुरबान

तू ही मेरी आरज़ू, तू ही मेरी आबरू
तू ही मेरी जान

ऐ मेरे प्यारे वतन, ऐ मेरे बिछड़े चमनmera
तुझपे दिल क़ुरबान!

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